Pongal Wishes 2025: आज से चार दिवसीय पोंगल पर्व शुरू, जानिए इस पर्व का महत्व और परंपरा

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पोंगल त्योहार: एक सांस्कृतिक और कृषि उत्सव

Pongal Wishes 2025: भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे तमिलनाडु और दक्षिण भारत में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से किसानों और कृषि आधारित समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पोंगल का अर्थ है ‘उबालना’ और इसे मुख्य रूप से फसल कटाई के समय मनाया जाता है। यह त्योहार तमिल कैलेंडर के अनुसार थाई महीने की पहली तारीख को आता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जनवरी के मध्य में पड़ता है।

पोंगल का महत्व

पोंगल त्योहार प्रकृति और भगवान सूर्य को समर्पित है, क्योंकि सूर्य देवता को कृषि और जीवन का मुख्य स्रोत माना जाता है। इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति, मवेशियों और कृषि उपकरणों के प्रति आभार प्रकट करते हैं। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसमें हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है।

पोंगल के चार दिन

  1. भोगी पोंगल:
    पोंगल का पहला दिन ‘भोगी’ कहलाता है। इस दिन लोग अपने पुराने और अनुपयोगी वस्त्रों व चीजों को जलाकर नयी शुरुआत करते हैं। इसे पवित्रता और नवीकरण का प्रतीक माना जाता है।
  2. सूर्य पोंगल:
    दूसरे दिन को मुख्य पोंगल दिवस माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। विशेष रूप से चावल, दूध, और गुड़ से बने पकवान ‘पोंगल’ को मिट्टी के बर्तन में पकाकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। इसे ‘सूर्य पोंगल’ भी कहा जाता है।
  3. मट्टू पोंगल:
    तीसरे दिन को ‘मट्टू पोंगल’ के नाम से जाना जाता है, जो गायों और बैलों के सम्मान का दिन होता है। इस दिन मवेशियों को सजाया जाता है, उनकी पूजा की जाती है, और उन्हें खास भोजन दिया जाता है। यह दिन किसानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
  4. कन्या पोंगल:
    पोंगल के चौथे दिन को ‘कन्या पोंगल’ या ‘कनुम पोंगल’ कहा जाता है। इस दिन परिवार और मित्रगण एकत्र होते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं। यह दिन सामाजिक मेलजोल और खुशियों का प्रतीक है।

पोंगल के रीति-रिवाज

पोंगल त्योहार के दौरान घरों को खूबसूरत रंगोली (कोलम) से सजाया जाता है। महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनती हैं और रंगीन अलंकरण करती हैं। गांवों में पारंपरिक खेल, जैसे जलीकट्टू (सांड दौड़) आयोजित किए जाते हैं, जो इस त्योहार की रौनक बढ़ाते हैं।

पोंगल का संदेश

पोंगल न केवल एक कृषि त्योहार है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने और परिवार व समाज में आपसी प्रेम बढ़ाने का प्रतीक भी है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में प्राकृतिक संसाधनों और परिश्रम का सम्मान करना चाहिए।

पोंगल त्योहार न केवल तमिलनाडु में, बल्कि पूरे भारत में अपने सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह उत्सव भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है और हर दिल में नई ऊर्जा और आशा का संचार करता है।

  1. मंदिर में बजने लगी हैं घंटियां,
    और सजने लगी हैं आरती की थाली,
    सूर्य की रोशनी किरणों के साथ,
    अब तो सुनाई देती है एक ही बोली,
    पोंगल पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
  2. पोंगल सफलता, समृद्धि और प्रेम का उत्सव है
    ये सभी विशेषताएं आपके जीवन में सदैव बनी रहें,
    और आप हमेशा उनकी उपस्थिति को संजोते रहें
    पोंगल पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
  3. पोंगल के इस धार्मिक उत्सव के अवसर पर,
    आपका घर धन्यवाद से भरा रहे और सुख-शांति से अभिरुचि रखे।
    पोंगल पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!