National Press Day : राष्ट्रीय प्रेस दिवस लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का उत्सव
National Press Day : राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारत में हर वर्ष 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India) की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो देश में प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों की रक्षा के लिए काम करती है। यह दिन पत्रकारिता के क्षेत्र में स्वतंत्रता, नैतिकता, और समाज के प्रति जिम्मेदारी को समर्पित है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस का इतिहास
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने और इसके दायित्वों की निगरानी के लिए भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना 1966 में की गई। यह एक स्वायत्त निकाय है, जिसका उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखना और उसे अनुशासन और नैतिकता की सीमा में रखना है। प्रेस दिवस पहली बार 16 नवंबर 1966 को मनाया गया था, और तब से यह दिन भारतीय पत्रकारिता की गरिमा और स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया।
प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी
प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। इसका कार्य न केवल जनता तक सूचनाएँ पहुँचाना है, बल्कि समाज में जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना भी है। एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए आवश्यक है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है।
हालांकि, स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है। प्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सटीक और प्रामाणिक जानकारी प्रस्तुत करे। पीत पत्रकारिता (yellow journalism), भ्रामक समाचार (fake news), और असत्यापित सूचनाएँ समाज को भ्रमित कर सकती हैं और जनहित को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
प्रेस का लोकतंत्र में महत्व
- जनमत का निर्माण:
प्रेस जनता को सूचित करने और उनकी राय को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सरकार और आम जनता के बीच एक सेतु का काम करता है। - सत्ता की निगरानी:
एक स्वतंत्र प्रेस सरकार और प्रशासन के कार्यों पर नजर रखता है और भ्रष्टाचार, अन्याय, और दमन के खिलाफ आवाज उठाता है। - सामाजिक सुधार:
प्रेस समाज में प्रचलित बुराइयों को उजागर करता है और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए जागरूकता पैदा करता है। - आपातकालीन स्थितियों में भूमिका:
महामारी, प्राकृतिक आपदाएँ, या अन्य संकट के समय प्रेस महत्वपूर्ण जानकारी जनता तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर संदेश
राष्ट्रीय प्रेस दिवस न केवल पत्रकारों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी यह सोचने का अवसर प्रदान करता है कि मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को कैसे बनाए रखा जा सकता है। यह दिन प्रेस के लिए जिम्मेदारी और पारदर्शिता के महत्व को रेखांकित करता है।
समाज में सकारात्मक भूमिका
राष्ट्रीय प्रेस दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पत्रकारिता केवल समाचार रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं है। यह समाज को बेहतर बनाने का एक साधन है। निष्पक्ष और साहसी पत्रकारिता न केवल समाज को बदल सकती है, बल्कि इसे मजबूत और प्रगतिशील बना सकती है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारतीय लोकतंत्र और समाज में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने और सराहने का दिन है। यह दिन हमें प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व को समझने और उसकी गरिमा बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। पत्रकारिता की सच्चाई, ईमानदारी, और निष्पक्षता का पालन करते हुए, एक जिम्मेदार प्रेस समाज और राष्ट्र के विकास में अद्वितीय योगदान देता है।
प्रेस दिवस केवल पत्रकारों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का दिन है, जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और सशक्त मीडिया की आवश्यकता और महत्व को उजागर करता है।