Chhath Puja 2024: नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ छठ का महापर्व, जानें इस दिन का महत्व और नियम
Chhath Puja 2024: इस साल 5 नवंबर 2024, मंगलवार यानी आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। छठ के पहले दिन नहाय खाय की परंपरा होती है। छठ पर्व से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है. हालांकि बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व प्रमुखता के साथ मनाया जाता है. इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान है. छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं
नहाय खाय के दिन व्रती तालाब, नदी या घर पर ही स्नान करते हैं। छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है, इसके साथ ही पर्व की शुरुआत होती है। नहाए खाए के दिन व्रती सात्विक आहार ग्रहण कर खुद को पावन और पवित्र छठ पूजा के लिए तैयार करते हैं। इससे व्रती के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नहाय खाय के नियम
- नहाय खाय के दिन सबसे पहले तो पूरे घर को साफ-सुथरा किया जाता है।
- छठ का व्रत करने वाले व्रती को नहाय खाय के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि करना चाहिए।
- संभव हो तो नहाय खाय के दिन नया वस्त्र पहनें। इसके अलावा आप साफ-सुथरा कपड़ा भी पहन सकते हैं।
- इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
- नहाय खाय का भोजन पहले सूर्य देव को भोग लगाएं इसके बाद ही इसे ग्रहण करें।
- नहाय खाय के दिन सात्विक भोजन ही बनाएं। इस दिन प्याज-लहसुन भूलकर भी नहीं खाना चाहिए।
- नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात (चावल) खाने की परंपरा है।
- नहाय खाय के दिन तैयार किया गया भोजन सबसे पहले व्रती को ही खाना चाहिए। इसके ही बाद परिवार के अन्य सदस्य खाएं।
- नहाय खाय के दिन परिवार के लोगों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए todaynews9.in उत्तरदायी नहीं है।