Bangladesh Protest: बांग्लादेश पीएम Sheikh Hasina ने दिया इस्तीफा, हसीना भारत के लिए रवाना
बांग्लादेश में भारी हिंसक प्रदर्शन के बाद पीएम शेख हसीना ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया. सैन्य हेलिकॉप्टर से Sheikh Hasina भारत के लिए रवाना हो गई हैं. उन्होंने आज ही दोपहर 2:30 बजे अपने आधिकारिक आवास बंग भवन को छोड़ दिया है. यहां हम यह बताने जा रहे हैं कि आखिर वे कौन से मुद्दे थे जिसकी आड़ में बांग्लादेश को जला दिया गया और बाद में हसीना को पीएम पद की कुर्सी और देश भी छोड़ना पड़ा.
बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में करीब 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं. सोमवार को छात्रों ने ढाका तक मार्च निकालने का आह्वान किया था. मार्च का आह्वान ऐसे समय में किया गया, जब देश भर में कर्फ्यू लगा था. इसके साथ ही प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की जा रही थी. रॉयटर्स के मुताबिक, सोमवार को ढाका में, बख्तरबंद कार्मिक वाहन और सैनिक मुख्य सड़कों पर गश्त करते देखे गए, क्योंकि कुछ मोटरसाइकिलों और तिपहिया टैक्सियों को छोड़कर नागरिक आंदोलन कम था.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पर प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं. सूत्र ने एएफपी को बताया, ‘हसीना और उनकी बहन बंग भवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. इस दौरान पीएम हसीना एक भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा करने का अवसर नहीं मिल सका.’
बांग्लादेश में क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?
Sheikh Hasina को बांग्लादेश में हो रहे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शनों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। सोमवार को प्रदर्शनकारी ढाका स्थित पीएम आवास में घुस गए। बांग्लादेश में विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। इस सिस्टम के तहत 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़े गए संग्राम में हिस्सा लेने वालों के रिश्तेदारों को 30% सरकारी नौकरियां दी जाती थीं। छात्रों का कहना है कि इस सिस्टम के जरिए शेख हसीना और उनकी पार्टी अपने वफादारों को फायदा पहुंचाती हैं।
बांग्लादेश में बवाल कैसे शुरू हुआ?
बांग्लादेश में प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुए और तब से अब तक इस बवाल में करीब 300 लोग मारे जा चुके हैं। शुरुआत में ये प्रोटेस्ट सिविस सेवा में कोटा के खिलाफ शुरू हुआ खा लेकिन बाद में इसने सरकार विरोधी रूप ले लिया और प्रदर्शनकारी पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बांग्लादेश में प्रदर्शन के बीच 15 जुलाई को झड़पें शुरू हो गईं, जिसके बाद सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज और सेकेंडरी स्कूल अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए। 16 जुलाई को और भी भयंकर झड़पें हुईं और इसके बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश को संबोधित किया और हत्याओं की न्यायिक जांच की घोषणा की। हालांकि इसके बाद भी हिंसा कम नहीं हुई। बांग्लादेशी सरकार ने 20 जुलाई को राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया और सेना को तैनात कर दिया।