Aghan Guruwar 2024: गुरूवार का व्रत कथा, मां लक्ष्मी की पूजा इस विधि से करें, बनी रहेगी सुख समृध्दि

Aghan Guruwar 2024: Thursday's fasting story, worship Goddess Lakshmi with this method, happiness and prosperity will remain

Aghan Guruwar 2024: अगहन माह के गुरुवार का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस व्रत को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति से करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं, धन-धान्य की वृद्धि होती है, और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं इस व्रत की कथा और पूजा विधि विस्तार से।

अघन का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को समर्पित है। गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति का होता है, और इस दिन व्रत करने से गृहस्थ जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा, इस व्रत को करने से ज्ञान, विद्या और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।

अगहन गुरुवार व्रत कथा

प्राचीन समय की बात है, एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार रहता था। ब्राह्मण की पत्नी अत्यंत धार्मिक और कर्मठ थी। लेकिन उनके पास इतना धन नहीं था कि वे अपने परिवार की सभी आवश्यकताएं पूरी कर सकें। ब्राह्मण की पत्नी भगवान विष्णु की बड़ी भक्त थी और हर गुरुवार को व्रत करती थी।

एक दिन ब्राह्मण ने अपनी पत्नी से कहा, “तुम हर गुरुवार उपवास करती हो, पूजा करती हो, लेकिन इससे हमारे जीवन में कोई सुधार नहीं हो रहा। क्यों न हम इस व्रत को छोड़ दें और अपने जीवन की समस्याओं को सुलझाने के लिए कुछ और करें?”

ब्राह्मणी ने उत्तर दिया, “यह हमारी परीक्षा है। भगवान हमारे धैर्य और भक्ति को परख रहे हैं। हमें ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए।”

उसने गुरुवार व्रत जारी रखा। कुछ समय बाद, भगवान विष्णु ब्राह्मणी की भक्ति से प्रसन्न हुए और एक साधु का रूप लेकर उसके घर आए। उन्होंने ब्राह्मणी को आशीर्वाद दिया और कहा, “तुम्हारी भक्ति से मैं प्रसन्न हूं। तुम अपनी पूजा जारी रखो, तुम्हारा जीवन जल्द ही सुखमय होगा।”

साधु के आशीर्वाद से उस ब्राह्मण परिवार के सभी कष्ट समाप्त हो गए। धीरे-धीरे उनका जीवन धन-धान्य से भर गया। यह देखकर गांव के अन्य लोग भी गुरुवार व्रत करने लगे।

पूजा विधि

अगहन गुरुवार का व्रत और पूजा विधि अत्यंत सरल और प्रभावशाली है। इसे करने के लिए श्रद्धा और नियम का पालन करना आवश्यक है। पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और स्वच्छता:
    प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से पवित्र करें।
  2. व्रत का संकल्प:
    भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। संकल्प के दौरान यह प्रार्थना करें कि आपके सभी कष्ट दूर हों और आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहे।
  3. विष्णु और लक्ष्मी की स्थापना:
    एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. दीप प्रज्वलन और भोग:
    घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले चावल और तुलसी पत्र अर्पित करें। भगवान को पीली मिठाई या चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं।
  5. विष्णु सहस्रनाम या गुरुवार व्रत कथा का पाठ:
    पूजा के दौरान भगवान विष्णु की कथा सुनें या पढ़ें। यदि कथा संभव न हो तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  6. दान और सेवा:
    पूजा के बाद ब्राह्मणों, जरूरतमंदों को दान दें। विशेष रूप से पीले वस्त्र, भोजन और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
  7. सूर्यास्त के बाद भोजन:
    व्रत रखने वाले व्यक्ति को सूर्यास्त के बाद ही सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन पीले रंग के भोजन जैसे खिचड़ी या हल्दी से बने व्यंजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।

व्रत के नियम

  1. व्रत के दिन बाल न कटवाएं और घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  2. भोजन में लहसुन, प्याज और मांसाहार का प्रयोग न करें।
  3. मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखें।
  4. व्रत वाले दिन केले के पेड़ की पूजा करना भी शुभ होता है।

अगहन गुरुवार का महत्व

अघन गुरुवार व्रत करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। इस व्रत के प्रभाव से घर में दरिद्रता समाप्त होती है, और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

इसके साथ ही, भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी संकट और बाधाएं समाप्त होती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायक है जो अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।


अगहन गुरुवार व्रत एक अद्भुत और प्रभावशाली व्रत है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सरल माध्यम है। इसे श्रद्धा और समर्पण से करने पर न केवल भौतिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।

यदि आप भी अपने जीवन को सुख-शांति और समृद्धि से भरना चाहते हैं, तो इस व्रत को नियमपूर्वक करें और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की आराधना करें। उनकी कृपा से आपका जीवन भी खुशहाल और धन-धान्य से पूर्ण हो जाएगा।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि TODAYNEWS9.IN किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.